सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव की दिवंगत माँ पर बदजुबानी, सपा नेता रामशरण नागर की मांग पर अदालत ने पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का दिया आदेश
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव की दिवंगत माँ पर बदजुबानी, सपा नेता रामशरण नागर की मांग पर अदालत ने पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का दिया आदेश
ग्रेटर नोएडा। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम, गौतमबुद्धनगर ने थाना बीटा-2 को एक सप्ताह में अनुपालन रिपोर्ट सौंपने को कहा है रामशरण नागर (एडवोकेट, पूर्व अध्यक्ष- जनपद बार एसोसिएशन) ने धारा 173 (4) भारतीय न्यायालयीन प्रक्रिया संहिता के तहत प्रार्थना-पत्र दाखिल कर बताया कि फेसबुक उपयोगकर्ता कुलदीप दूबे ‘कन्नौज’ ने दो अत्यन्त अश्लील व मानहानिकारक पोस्ट कीं।
पोस्टों में अखिलेश यादव की दिवंगत माता हेतु अभद्र भाषा तथा ब्राह्मण समाज के लिए आपत्तिजनक शब्दावली प्रयुक्त हुई।इन पोस्टों को कई समर्थकों ने ‘लाइक’ किया, जिससे भारी आक्रोश और साम्प्रदायिक तनाव की आशंका उत्पन्न हुई।2 जुलाई 2025 को थाना बीटा-2 में रिपोर्ट कराई जा रही थी, परंतु पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया; इसके बाद 3 जुलाई को पुलिस आयुक्त को रजिस्टर्ड डाक और व्यक्तिगत रूप से ज्ञापन सौंपा गया। प्रारम्भिक सुनवाई के बाद माना कि प्रथम दृष्टया संज्ञेय अपराध बनता है।सोशल मीडिया मंचों पर अनियंत्रित वाणी की आँच अब सीधे अदालतों तक पहुँच रही है।गौतमबुद्धनगर ACJM-1 का यह आदेश स्पष्ट संदेश देता है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर अमर्यादित एवं साम्प्रदायिक टिप्पणियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पुलिस विवेचना की रफ़्तार और निष्पक्षता अब इस संवेदनशील मामले के परिणाम तय करेगी।अदालत के आदेश को सपा नेताओं ने “नफरत भरी भाषा के विरुद्ध कड़ा संदेश बताया, वहीं कानूनी विशेषज्ञों ने इसे सोशल मीडिया दुरुपयोग के मामलों में दृष्टांत करार दिया। ब्राह्मण संगठनों ने भी कार्रवाई का स्वागत किया है।थाना बीटा-2 अब कुलदीप दूबे पर प्राथमिकी दर्ज कर इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य सुरक्षित करेगा।पुलिस को फेसबुक लॉग्स, स्क्रीनशॉट, IP डिटेल तथा गवाहों के बयान जुटाने होंगे।आरोप सत्यापित होने पर आरोपपत्र अदालत में दायर किया जाएगा; दोषसिद्धि पर दो वर्ष तक का कारावास अथवा जुर्माना संभव है, जो धारा-वार बढ़ भी सकता है।