काउंसल इंडिया ने 10,000+ प्रोफेशनल्स को बनाया सशक्त,भारत का सबसे बड़ा साइकोलॉजी लर्निंग प्लेटफॉर्म बनने का रखा लक्ष्य
काउंसल इंडिया ने 10,000+ प्रोफेशनल्स को सशक्त बनाया, भारत का सबसे बड़ा साइकोलॉजी लर्निंग प्लेटफॉर्म बनने का रखा लक्ष्य।
काउंसल इंडिया, जो भारत का अग्रणी साइकोलॉजी और काउंसलिंग शिक्षा प्लेटफॉर्म है, देश के युवाओं और प्रोफेशनल्स के लिए मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता और व्यावसायिक विकास के अवसरों को बदलने के अपने मिशन पर लगातार अग्रसर है।पिछले एक साल में ही, काउंसल इंडिया ने 10,000 से अधिक शिक्षार्थियों और प्रोफेशनल्स को साइकोलॉजी शिक्षा, बिहेवियरियल काउंसलिंग प्रमाणपत्रों और सक्सेस थैरेपी सेशनों के अनूठे संयोजन के माध्यम से सशक्त किया है।संस्थापक बॉबी ठाकुर ने साझा किया,”हमारा उद्देश्य हमेशा से एक सुरक्षित और विकास-उन्मुख इकोसिस्टम बनाना रहा है जहाँ छात्र, प्रोफेशनल्स और काउंसलर समाज की सेवा करते हुए सार्थक करियर बना सकें। हमें अपनी टीम की मजबूत, नैतिक और सहयोगात्मक वर्क कल्चर पर गर्व है।”
काउंसल इंडिया के विज़न 2025 की प्रमुख झलकियाँ:
✅ भारतीय साइकोलॉजी छात्रों के लिए ग्लोबल सर्टिफिकेशन के मार्ग खोलने हेतु 5 देशों में विस्तार
✅ दुनियाभर के प्रोफेशनल्स को जोड़ने के लिए साइकोलॉजी एसोसिएशन की शुरुआत
✅ विभिन्न साइकोलॉजी और काउंसलिंग संगठनों के साथ जॉब प्लेसमेंट को मजबूत करना
✅ साइकोलॉजी को व्यावहारिक और सुलभ बनाने के लिए एआई-इंटीग्रेटेड लर्निंग अनुभव शुरू करना
✅ इस वर्ष के अंत में भारत का पहला Psychology Entrepreneurship Conclave आयोजित करना
काउंसल इंडिया अपनी एम्प्लॉई फर्स्ट और क्लाइंट फर्स्ट नीतियों के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है, जिनका फोकस है:
ईमानदार और पारदर्शी HR नीतियों के साथ कर्मचारियों की वृद्धि को प्राथमिकता देना
सभी के लिए समान अवसर प्रदान करते हुए एक समावेशी और विविध टीम बनाना
छात्रों और क्लाइंट्स को व्यक्तिगत मेंटरशिप और नैतिक सेवा मानकों के साथ असाधारण लर्निंग अनुभव देना
बॉबी ठाकुर ने आगे कहा,
“जब हमारे छात्र सफल होते हैं और हमारी टीम आगे बढ़ती है, वही हमारी असली सफलता है। हम एक नई पीढ़ी के साइकोलॉजी लीडर्स को तैयार करने के लिए यहाँ हैं, जो भारत में मानसिक स्वास्थ्य की तस्वीर बदलेंगे।”
काउंसल इंडिया अपने इस विज़न के साथ हज़ारों लोगों को प्रेरित करता रहा है — ताकि साइकोलॉजी को एक व्यावहारिक, सुलभ और सम्मानित मुख्यधारा पेशे के रूप में स्थापित किया जा सके, समाज के हित में।