श्री द्रोणाचार्य (पी0जी0) कॉलिज में मनायी गई संत रविदास जयंती।
श्री द्रोणाचार्य (पी0जी0) कॉलिज में मनायी गई संत रविदास जयंती।
ग्रेटर नोएडा। बुद्धवार को श्री द्रोणाचार्य (पी0जी0) कॉलिज, दनकौर में महाविद्यालय में संत रविदास जयंती का आयोजन महाविद्यालय के सचिव रजनीकान्त अग्रवाल के दिशा-निर्देशन में किया गया। साथ कि सचिव रजनीकान्त अग्रवाल ने बताया कि संत रविदास जी का जन्म काशी में हुआ था तथा इन्हें संत शिरोमणि सत्गुरु की उपाधि दी गई है। संत रविदास ने अपने विचारों और दोहों से भक्ति की ऐसी अलौकिक ज्योति जलाई जो आज भी सभी को रोशन कर रही है और कहा कि- मन चंगा तो कठौती में गंगा’। साथ ही बताया कि संत रविदास जी ने रविदासिया पंथ की स्थापना की और इन्होंने भजनों की भी रचना की तथा इनके रचे गये कुछ भजन सिख लोगों के पवित्र ग्रंथ ‘गुरुग्रन्थ साहिब’ में भी शामिल हैं। इन्होंने जात-पात का खंडत भी किया और आत्मज्ञान का मार्ग दिखाया।महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ0 गिरीश कुमार वत्स जी ने संत रविदास के जीवन का परिचय देते हुये बताया कि भारत की धरती पर कई महान गुरु हुए जिनमें से एक थे संत रविदास जी। जिनका जीवन सत्य, समानता और मानवता के सिद्धान्तों पर आधारित था। उनका जीवन युवाओं को सामाजिक समरसता की दिशा की ओर प्रेरित करता है। उनके विचार हमें समानता, भाई-चारे और प्रेम की भावना को मजबूत करने की प्रेरणा देते हैं। संत रविदास जी की जयंती प्रत्येक वर्ष माघ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन मनायी जाती है। इस अवसर पर महाविद्यालय का समस्त स्टॉफ एवं छात्र/छात्राऐं उपस्थित रहें।