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जीबीयू के ध्यान केन्द्र में बुद्ध प्रतिमा का लोकार्पण एवं दो-दिवसीय बौद्ध ध्यान साधना कार्यक्रम का हुआ उद्घाटन।

जीबीयू के ध्यान केन्द्र में बुद्ध प्रतिमा का लोकार्पण एवं दो-दिवसीय बौद्ध ध्यान साधना कार्यक्रम का हुआ उद्घाटन।

शफी मौहम्मद सैफी

ग्रेटर नोएडा। गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय ग्रेटर नोएडा में स्थित महात्मा ज्योतिबा फूले ध्यान केन्द्र में भारतरत्न डॉ. भीमराव अम्बेडकर के धम्मदीक्षा दिवस को 14 अक्टूबर 2023 को बड़ी धूमधाम से मनाया गया। इस सुअवसर पर गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. आर. के. सिन्हा द्वारा ध्यान केन्द्र में स्थापित गौतम बुद्ध की प्रतिमा का लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर कुलपति प्रो. सिन्हा द्वारा द्वि-दिवसीय बौद्ध ध्यान साधना कार्यक्रम का भी उद्घाटन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. सिन्हा ने अपने सम्बोधन में मानव जीवन में बौद्ध धर्म की कल्याणकारी शिक्षाओं एवं चित्त की एकाग्रता तथा उसकी निर्मलता में विपस्सना भावना की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि गौतम बुद्ध की जनहितकारी शिक्षाओं के पालन से ही सामाजिक सौहार्द को स्थापति किया जा सकता है।बुद्ध प्रतिमा का लोकार्पण के अवसर पर थेरवाद बौद्ध परम्परा के अनुसार म्यानमार देश के अध्ययनरत् छात्र-छात्राओं द्वारा बुद्ध वन्दना एवं परित्तपाठ किया गया। इसके बाद महायान बौद्ध परम्परा के अनुसार वियतनाम देश के अध्ययनरत् छात्र-छात्राओं द्वारा पूजापाठ किया गया। इस अवसर पर भारतीय छात्र-छात्रों एवं प्रतिभागियों द्वारा बुद्ध वन्दना एवं पंचशील का पाठ भी किया गया। जी.बी.यू. के बौद्ध अध्ययन एवं सभ्यता संकाय से बैच 2022-24 में एम.ए. पाठ्यक्रम में अध्ययन कर चुके वियतनामी छात्र श्री थिक चन तु (Ven. Thich Chon Tu) द्वारा पत्थर से निर्मित इस बुद्धमूर्ति का दान किया गया। बौद्ध अध्ययन एवं सभ्यता संकाय की डीन प्रो. श्वेता आनन्द ने स्वागत भाषण देकर बुद्ध प्रतिमा लोकार्पण एवं द्वि-दिवसीय बौद्ध ध्यान साधना कार्यक्रम में पधारे सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत किया। बौद्ध अध्ययन एवं सभ्यता संकाय के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. ज्ञानादित्य शाक्य ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने बौद्ध संस्कृति में गौतम बुद्ध की प्रतिमा के साथ-साथ पालि साहित्य के आलोक में चित्त की एकाग्रता एवं पवित्रता में बौद्ध ध्यान साधना की भूमिका पर प्रकाश डाला। बुद्ध-प्रतिमा के धम्मदान के प्रेरणा-स्रोत, बोधि ध्यान साधना के समन्वयक तथा कार्यक्रम के आयोजक डॉ. मनीष मेश्राम ने दान-पारमिता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए इस कुशल कर्म के सम्पादन के लिए दानदाता पूजनीय थिक चन तु के प्रति हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त की तथा कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए कुलपति, कुलसचिव डॉ. विश्वास त्रिपाठी एवं वित्त अधिकारी श्री नीरज कुमार सहित विश्वविद्यालय प्रशासन के कई अधिकारियों, शिक्षकों, शिक्षेणत्तर कर्मचारियों, अध्ययनरत् छात्र-छात्राओं, अतिथियों तथा समस्त प्रतिभागियों के प्रति आभार प्रकट किया।इस उद्घाटन सत्र का सफल संचालन एम.ए. बौद्ध अध्ययन एवं सभ्यता के छात्र श्री संजीव शर्मा द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में डॉ. अरविन्द कुमार सिंह, डॉ. चिंतल वेंकट सिवसाई, डॉ. प्रियदर्शिना मित्रा, डॉ. विवेक मिश्रा, प्रो. संजय शर्मा, डॉ. विमलेश कुमार, विक्रम सिंह यादव, कन्हीया, अजय, सन्दीप ढाका, सचिन सहित लगभग कई गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया, जिसमें विश्वविद्यालय के संकाय सदस्यों, कर्मचारियों, छात्र-छात्रों सहित देश-विदेश के कई बौद्ध अनुयायियों तथा साधकों ने भाग लिया।

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