अखिल हिंदी साहित्य सभा ने धर्मजीत त्रिपाठी को साहित्य विभूषण से किया अलंकृत
अखिल हिंदी साहित्य सभा ने धर्मजीत त्रिपाठी को साहित्य विभूषण से किया अलंकृत
बुलंदशहर। अखिल हिंदी साहित्य सभा (पंजी.) लखनऊ उत्तर प्रदेश द्वारा शुक्रवार को बुलंदशहर जिला पंचायत अपर मुख्य अधिकारी धर्मजीत त्रिपाठी को उनकी साहित्यिक सेवा के लिए साहित्य विभूषण से अलंकृत करते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की गई। विदित हो की धर्मजीत त्रिपाठी द्वारा अनेकों हिन्दी कविताएं अब तक लिखी गई हैं। आनवार: शब्दों की चेतना व अंतर्मन की वेदना लेखक धर्मजीत त्रिपाठी द्वारा लिखित एक कविता संग्रह की काफी लोगों ने प्रशंसा की। जिसे लेने के लिए प्रमुख बुकस्टोर्स और आनलाइन प्लेटफार्म जैसे अमेजन और फ्लिपकार्ट का लोगों को सहारा लेना पड़ा। अपर मुख्य अधिकारी धर्मजीत त्रिपाठी अपने सरकारी कामकाज के बीच में साहित्य की सेवा और लेखन को प्रोत्साहित करने को अपने जीवन का लक्ष्य ही बना लिया है। इनके द्वारा अनेकों हिंदी कविताएं लिखी जा चुकी है। इसके साथ ही दर्जनों कविताएं विभिन्न मैगजीन व न्यूज पेपर में प्रकाशित हो चुकी है। जिसके लिए वह कई बार सम्मनित भी हो चुके है। उनका मानना है कि शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सर्वप्रथम परिवार के स्तर पर ही प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। वे अपनी रचना के जरिये भी इस पर ही बल देते हैं। साहित्य के जरिये भी समाज में बेहतर सकारात्मक सन्देश दिया जा सकता है.मातृभाषा अभिव्यक्ति व व्यक्तित्व विकास का माध्यम होती है। साहित्य कभी जनजीवन से दूर नहीं हुआ। लेखक समाज में रहकर जो देखता है, अनुभव करता है, उन्हीं को शब्दों में ढालता है। हर लेखक को रचनात्मकता का बीज, खाद, पानी अपने आसपास के वातावरण से ही मिलता है। हिंदी साहित्य के इतिहास पर दृष्टि डालें तो यही देखा है कि उस समय में जैसी सामाजिक- राजनीतिक परिस्थिति थी, वही साहित्य में उभर कर आई।